14 फरवरी- वैलेंटाइंस डे, प्यार का दिन। अब तक आपने आज के दिन सिर्फ इंसानों को ही एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार का इज़हार करते देखा होगा। लेकिन समय बदलने के साथ अब कंपनियां भी एक-दूसरे को वैलेंटाइंस डे की बधाई दे रही हैं। आज वैलेंटाइंस डे के मौके पर रिलायंस जियो ने अपने ट्विटर अकाउंट पर दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को हैप्पी वैलेंटाइंस डे की बधाई दी है।
रिलायंस जियो ने ट्वीट किया, ''एयरटेल, वोडाफोन इन और आइडिया सेल्युलर को हैप्पी वैलेंटाइंस डे। #WithLoveFromJio''। इस ट्वीट से लगता है कि कंपनी ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में चुटकी ली है। रिलायंस जियो का विवादों से नाता लॉन्चिंग के समय से ही रहा है। 'रिलायंस जियो वेलकम' और 'हैप्पी न्यू ईयर' जैसे आकर्षक प्लान की वजह से ग्राहकों को अपनी तरफ ख़ीचने वाली जियो ने दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को कड़ी टककर दी। इन प्लान में मिलने वाले मुफ्त इंटरनेट, कॉल और एसएमएस की वजह से एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसी कंपनियों को भी अपने प्लान सस्ते करने पड़े और इन कंपनियों ने भी कई आकर्षक ऑफर ग्राहकों के लिए पेश किए।
देश में छह करोड़ से ज्यादा जियो सिम ग्राहक इन दिनों फ्री इंटरनेट और वॉयस कॉलिंग का मजा ले रहे हैं। इस वजह से बाजार में मौजूद अन्य टेलीकॉम कंपनियों की कमाई सीधे तौर पर प्रभावित हुई है। अन्य टेलिकॉम कंपनियों ने रिलायंस के 'हैप्पी न्यू ईयर' ऑफर पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। कई कंपनिया टेलिकॉम नियामक ट्राई में रिलायंस के खिलाफ केस भी दर्ज करवाया। कुछ कंपनियों ने मिलकर सरकार से भी इस बारे में शिकायत की थी।
कंपनियों का कहना है कि 4जी जियो कनेक्शन की वजह से उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिसंबर में तीन महीने तक मुफ्त कॉल, डेटा व एसएमएस वाले 'हैप्पी न्यू ईयर' प्लान के विरोध में भारती एयरटेल ने मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो को निर्धारित 90 दिन के बाद भी मुफ्त पेशकश को जारी रखने की अनुमति देने के ट्राई के निर्णय के खिलाफ दूरसंचार विवाद न्यायाधिकरण टीडीसैट में याचिका दायर की। लेकिन जियो एक बार फिर
अपने तर्कों के साथ इस प्लान को जारी रखने में कामयाब रही।
एयरटेल ने आरोप लगाया कि ट्राई उल्लंघन को लेकर ‘मूक दर्शक’ बना हुआ है। एयरटेल ने कहा था कि ट्राई यह सुनिश्चित करे कि जियो 31 दिसंबर के बाद मुफ्त वॉयस और डेटा योजना जारी न रखे। कंपनी ने आरोप लगाया था कि जियो के मुफ्त कॉल ऑफर की वजह से उसके नेटवर्क में भी दिक्कतें आ रही हैं।
इसके अलावा रिलायंस जियो को इंटरकनेक्ट पॉइंट्स के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया समेत तमाम टेलीकॉम कंपनियों ने जियो को इंटरकनेक्ट पॉइंट देने में कठिनाई बताई थी। इसके बाद ट्राई के हस्तक्षेप के बाद यह मामला सुलझ सका था।
रिलायंस ने सितंबर में लॉन्च होने के बाद एयरटेल पर इंटरकनेक्ट पॉइंट ना देने का आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों कंपनियों की आपसी बातचीत के बाद एयरटेल ने इंटरकनेक्ट पॉइंट मुहैया कराए। इंटरकनेक्शन वह प्रक्रिया है, जिसके जरिये एक कंपनी के फोन से दूसरी कंपनी के फोन से बात होती है.
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को लेकर भी एयरटेल और रिलायंस जियो के बीच जंग हुई। रिलायंस जियो ने आरोप लगाया गया कि एयरटेल आधारहीन और अप्रमाणित कारणों के चलते अपने ग्राहकों को उसके नेटवर्क को अपनाने यानी मोबाइल नबंर पोर्टेबिलिटी को रोक रही है। मोबाइल नबंर पोर्टेबिलिटी से ग्राहक बिना नंबर बदले अपने मौज़ूदा नंबर के साथ ही एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर स्विच कर सकता है। अगर ग्राहक को अ्पनी मौज़ूदा कंपनी की सेवाएं अच्छी नहीं लगती हैं और वह उनसे संतुष्ट नहीं है तो कुछ शर्तों और औपचारिकताओं के बाद दूसरी कंपनी पर स्विच किया जा सकता है।