इसरो बनाएगा विश्व रिकॉर्ड, एक रॉकेट के साथ 83 उपग्रह भेजने की है योजना

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का इरादा नए साल की शुरुआत में एक रॉकेट से 83 उपग्रहों को कक्षा में पहुंचाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का है। एंट्रिक्स कॉरपोरेशन के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

इसरो बनाएगा विश्व रिकॉर्ड, एक रॉकेट के साथ 83 उपग्रह भेजने की है योजना
ख़ास बातें
  • जनवरी 2017 में एक रॉकेट से 83 उपग्रहों को भेजे जाने की योजना है
  • सभी 83 उपग्रहों को एक ही कक्षा में स्थापित करना है
  • पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट का टोटल पे लोड लगभग 1,600 किलोग्राम होगा
विज्ञापन
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का इरादा नए साल की शुरुआत में एक रॉकेट से 83 उपग्रहों को कक्षा में पहुंचाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का है। एंट्रिक्स कॉरपोरेशन के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि कंपनी का ऑर्डर बुक 500 करोड़ रुपये का है, जबकि और 500 करोड़ रुपये के लॉन्च ऑर्डर के लिए सौदेबाजी जारी है।

एंट्रिक्स कॉरपोरेशन के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक राकेश शशिभूषण ने कहा, "हमारी योजना साल 2017 की पहली तिमाही में एक रॉकेट से 83 उपग्रहों को लॉन्च करने की है। भेजे जाने वाले अधिकांश उपग्रह नैनो उपग्रह हैं।"

एंट्रिक्स कॉरपोरेशन इसरो की वाणिज्यिक शाखा है।

उन्होंने कहा कि सभी 83 उपग्रहों को एक ही कक्षा में स्थापित करना है और इसलिए रॉकेट को स्विच ऑफ और स्विच ऑन करने की जरूरत नहीं होगी।

प्रस्तावित मिशन की सबसे बड़ी चिंता सभी उपग्रहों को एक ही कक्षा में छोड़ने तक रॉकेट को एक ही जगह पर टिकाए रखना होगा।

उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड 83 उपग्रहों की लॉन्चिंग के लिए इसरो ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान एक्सएल (पीएसएलवी-एक्सएल) रॉकेट का इस्तेमाल करेगा। इसरो के लिए एक बार में कई उपग्रहों का प्रक्षेपण कोई नई बात नहीं है, क्योंकि यह अतीत में ऐसा कई बार कर चुका है।

शशिभूषण के मुताबिक, पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट का टोटल पे लोड लगभग 1,600 किलोग्राम होगा।

अप्रकटीकरण अनुबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने उन ग्राहकों का नाम बताने से इनकार कर दिया, जिनके रॉकेट कक्षा में छोड़े जाने हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ उपग्रह उनके हैं, जिनके उपग्रहों को पहले भी इसरो कक्षा में भेज चुका है।

इस बीच, इसरो अपने क्रायोजेनिक इंजन के साथ हाई-अल्टीट्यूट टेस्ट कर रहा है, जो भारी रॉकेट भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान-एमके3 (जीएसएलवी एमके3) को और ताकतवर बना सकता है।

जीएसएलवी एमके3 में लगभग चार टन वजन ले जाने की क्षमता है। रॉकेट जनवरी 2017 में उड़ान भरेगा

भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए भारत विदेशों पर निर्भर है। अगर यह परीक्षण सफल होता है, तो जीएसएलवी एमके3 भारत के लिए वरदान साबित होगा।

इसरो के अध्यक्ष किरण कुमार ने कहा कि एजेंसी चार टन के कम्युनिकेशन उपग्रह के विकास की योजना बना रहा है, जो छह टन के कम्युनिकेशन उपग्रह के जैसा परिणाम देगा।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

Advertisement

#ताज़ा ख़बरें
  1. 1,000 से ज्यादा क्रिप्टो ATM के साथ ऑस्ट्रेलिया बना तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क, जानें पहले दो कौन?
  2. Mahindra XUV 3XO: एक लीटर में इतने किलोमीटर चलेगी महिंद्रा की अपकमिंग SUV, परफॉर्मेंस भी की गई टीज
  3. Poco जल्द लॉन्च कर सकती है M6 4G, सर्टिफिकेशन साइट्स पर हुई लिस्टिंग
  4. सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज Binance के फाउंडर Changpeng Zhao को हो सकती है 3 वर्ष की जेल
  5. PUBG प्लेयर्स को याद आने वाले हैं पुराने दिन! इस दिन आ रहा आइकॉनिक Erangel Classic मैप
  6. Apple के iPhone 15 को Flipkart पर भारी डिस्काउंट के साथ खरीदने का मौका, जानें प्राइस
  7. iPhone यूजर्स को मिला WhatsApp का जबरदस्त सेफ्टी फीचर, यहां है इसे सेटअप करने का तरीका
  8. Firefox की Hero Lectro ने Rs 61,999 रुपये में लॉन्च की Muv-e इलेक्ट्रिक बाइक, जानें स्पेसिफिकेशन्स
  9. Nokia स्‍मार्टफोन बनाने वाली कंपनी ने लॉन्‍च किया HMD Vibe फोन, जानें फीचर्स, कीमत
  10. Hyundai और Kia अगले साल लाएगी पहली भारत में तैयार इलेक्ट्रिक कार
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »